वह पाले ना भैस या गाय,
फिर भी दुध मलाई खाए |
घर बैठे ही करे शिकार ,
गया शेर भी उससे हार |
उत्तर:- बिल्ली
उसको सूरज कभी ना भाये
अन्धियारे मे निकसत पाये
ज्यो ज्यो साप ताल को खाये
सूखे ताल साप मर जाय
उत्तर:- दीया-बाती
सत्य धर्म का बोझ सहता
जितना होता उतना कहता
हाथ के आजू बाजू फेले
पाव मे रहते दो थेल
उत्तर:- तराजू
एक थाल मोतियो से भरा
सब के सिर पर औन्धा धरा
चारो ओर वह थाली फिरे
मोती फिर भी एक ना गिरे
उत्तर:- तारो भरा आसमान
सिर पर सिकुडी, आगे छितरी
हर घर मे हे सजा
शान से चलती धूल उडाती
करती काम यह ताजा
उत्तर:- झाडू
एक इन्सान का अचरज भेद
हाड हाड मे वाके छेद
मोहि अचम्भा आवे ऐसे
जीव बसे हे वामे केसे
उत्तर:- पिन्जरा
मुह काला पर काम बडा
कद छोटा पर नाम बडा
मेरे वश मे दुनिया सारी
रहू जेब मे सस्ती प्यारी
उत्तर:- कलम
रोन्दे जिसको उसको काटे
कभी बनता हत्थयारा
इसे जेल फासी न होती
रखे बिना नही चारा
उत्तर:- चाकू
रन्ग बिरन्गी देह हमारी
भरे पेट मै फाहा
जाडे की कठिन रातो मै
सब ने मुझको चाहा
उत्तर:- रजाई
देह सख्त हे जो पत्थर की
ऐसी होती है वह रानी
लेकिन इतनी शर्मिली है वो
लेते हाथ मै हो पानी पानी
उत्तर:- बर्फ
ऍसा एक अनोखा पक्षी
उसके न हाड, न मास
हजार मील वो उडता जाए
कभी नही वो लेता सास
उत्तर:- हवाई जहाज
तीन अक्षर का नाम हे
पानी जैसा रुप
हवा तो इसकी मोत हे
जीवन गर्मी धूप
उत्तर:- पसीना
हरे रन्ग की चीज हू एसी
जो खाता वो करता सीसी
खाने पर आखे भर जाए
फिर भी तोता चाव से खाए
उत्तर:- हर्री मिर्च
सुन्दर सुन्दर ख्वाब दिखाती
पास सभी के रात मै आती
थके मान्दे को दे आराम
जल्द बताओ उसका नाम
उत्तर:- नीन्द
करता नकल आदमी की
मै शखाम्रग कहलाता
पूछो अदरक का स्वाद अगर
तो बता नही मै पाता
उत्तर:- बन्दर
सापो से भरी एक पिटारी
सबके मुख पर भरी चिन्गारी
तन कर सोए, नही वो लटके
फेके आग जो मुह को पटके
उत्तर:- माचिस
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