Chatpati Pahlian चटपटी पहेलिया
Aisi Kon Si Cheez Hei Jishey
Aagey Sey Toh Banayaa Hein Bhagwan Ney
Aur Pichey Sey Insaan Ney.
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी,
न भाड़ा न किराया दूँगी,
घर के हर कमरे में रहूँगी,
पकड़ न मुझको तुम पाओगे,
मेरे बिन तुम न रह पाओगे,
बताओ मैं कौन हूँ?
बेशक न हो हाथ मे हाथ
पर जीता है वो आप के साथ
बताओ क्या ?
Hari Thi Man Bhari Thi
No Laakh Motiyon Sey Jadi Thi
Raja Ji Key Khet Mein
Duata Odhey Khadi Thi.
उसको सूरज कभी ना भाये
अन्धियारे मे निकसत पाये
ज्यो ज्यो साप ताल को खाये
सूखे ताल साप मर जाय
सत्य धर्म का बोझ सहता
जितना होता उतना कहता
हाथ के आजू बाजू फेले
पाव मे रहते दो थेले
एक थाल मोतियो से भरा
सब के सिर पर औन्धा धरा
चारो ओर वह थाली फिरे
मोती फिर भी एक ना गिरे
सिर पर सिकुडी, आगे छितरी
हर घर मे हे सजा
शान से चलती धूल उडाती
करती काम यह ताजा
एक इन्सान का अचरज भेद
हाड हाड मे वाके छेद
मोहि अचम्भा आवे ऐसे
जीव बसे हे वामे केसे
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